पाकिस्तान ने जब भारत से व्यापारिक रिश्ते खत्म किए, तो वहां के व्यापारियों को मजबूरन भारत से दवाएं मंगवाना बंद करना पड़ा. कुछ ही दिनों में पाकिस्तान के अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की किल्लत हो गई. दवाओं के अभाव में मरीज तड़पने लगे.
- पाकिस्तान में जीवन रक्षक दवाओं की भारी किल्लत
- भारत से दवाओं के आयात को पाकिस्तान ने दी मंजूरी
- 5 अगस्त के बाद खत्म कर लिए थे व्यापारिक रिश्ते
दरअसल अतंरराष्ट्रीय सीमा पर भारत की तैयारियों के सामने पस्त पाकिस्तान ट्रेड के मोर्चे पर भारत को नुकसान पहुंचाना चाहता था. लेकिन 30 दिन गुजरते-गुजरते पाकिस्तान को अपने फैसले का असर समझ में आने लगा. पाकिस्तान के इन प्रतिबंधों का कुछ खास असर भारत पर तो नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तान में त्राहिमाम की स्थिति पैदा हो गई.
बता दें कि पाकिस्तान की ड्रग इंडस्ट्री इस वक्त चौपट हाल में है. पाकिस्तान ने जब भारत से व्यापारिक रिश्ते खत्म किए, तो वहां के व्यापारियों को भारत से दवाएं मंगवाना बंद करने की मजबूरी थी. कुछ ही दिनों में पाकिस्तान के अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की घोर किल्लत हो गई. दवाओं के अभाव में मरीज तड़पने लगे.
पाकिस्तान को अब अपनी गलती का एहसास हुआ. लाचार पाकिस्तान ने अब भारत से दवाएं मंगाने की अनुमति दे दी है. पाकिस्तानी न्यूज चैनल जिओ टीवी के मुताबिक संघीय सरकार ने सोमवार को भारत से जीवन रक्षक दवाओं के आयात को मंजूरी दे दी है, ताकि मरीजों को राहत मिल सके.
पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने वैधानिक नियामक आदेश (Statutory regulatory order) जारी कर अपने यहां की दवा इंडस्ट्री को इंडिया से मेडिसिन इंपोर्ट करने की इजाजत दे दी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 2019 में जुलाई तक पाकिस्तान ने भारतीय दवा कंपनियों से 1 अरब 36 करोड़ रुपये की दवाएं मंगाई थी. 5 अगस्त को भारत ने जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने का फैसला किया तो पाकिस्तान ने भारत से व्यापारिक रिश्ते खत्म कर लिये.